Saturday 14 July, 2012

कुर्सी

उसके चारों पैर

आगे बढ़कर असंख्य भुजाओं में फ़ैल गए

पेड़ों की जड़ों जैसे

सब और फैलकर जकड़ लिया है सब कुछ

भीतर का सब कुछ चूसती हुई जड़ें

पायों के जरिये

जीवन रस पहुँचा रहीं हैं

और बड़ी हो रही कुर्सी

और मजबूत पैर

और लंबी जड़ें

और अधिक भोजन

और मजबूत शिकंजे

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