Wednesday 17 March, 2010

एट्किन्स डाइट

उन्होने रोटियों पर हस्ताक्षर किये
फ़िर वे सरकारी मुहर के लिये भेज दी गईं
एक बाबू हफ़्तों तक रजिस्टर भरता रहा
उनके डिस्पैच के लिये
साधारण डाक से वे पहुँचीं
जरूरतमन्दो के हाथ आते आते
खाने लायक नहीं बचीं वे
और कुछ वे भी नहीं बचे
जिनके लिये भेजा गया था इन्हे
बड़ा पुण्य का काम है
रोटी देना
वो भी उनको
जो अपने हाड़ से खोदते हैं खेत
सारी जमा पूँजी और सारी उधारी देते हैं बो
अपने खून से करते हैं सिंचाई
उम्मीदों की हवा में पसीना सुखाकर
पैदा करते हैं गेंहू
पलकों से चुनकर दाने पहुँचाते हैं गोदामो मे
बहुतों को संतोष है इस पर
चैन से सो जाते हैं पी खाकर
और हाँ गेंहू नहीं खाते वे
नो कार्ब
मोटापे की वजह से
एट्किन्स डाइट पर चल रहें हैं
सिर्फ़ प्रोटीन
खालिस मांस

No comments:

Post a Comment