Sunday 10 January, 2010

द्रष्टिकोण

मरी गाय को
कच्चे माल की तरह देखता है मोची
सम्भावित आमदनी की तरह देखता है पुजारी
भोजन की तरह देखेती हैं चीलें
बोझ की तरह देखते हैं सफ़ाईकर्मी
नुकसान की तरह देखता है ग्वाला
मुझे आँकते वक्त तुम देख सकते हो
मेरे जूते
मेरा चेहरा
मेरी पढ़ी हुई किताबें
मेरा पसन्दीदा भोजन
और भी बहुत कुछ
ये देखना तुम्हारे बाबत खबर देगा बहुत कुछ
मेरी तुम्हे शायद ही कोई खबर मिले

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