मान लिया गया
कि मेरा देश महान है
मेरी भाषा महान है
मेरा धर्म महान है
और ऐसा मान लिया गया
हर जगह दुनिया में
मान लिया जाये
कि अपने देश धर्म और भाषा के लिये
कुछ भी कर गुजरना
जिसमे लड़ मरना भी शामिल है
हर व्यक्ति का कर्तव्य हो
और ऐसा मान लिया जाये
हर जगह दुनिया में
फ़िर जो हुआ
हो रहा है
और होते रहने की आशंका भी है
उसे भी क्या
एक वॄहद समय चक्र में
इन्सानियत मान लिया जायेगा ?
Wednesday 23 December, 2009
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