Thursday 19 November, 2009

लेन देन

जिन्हे मुझसे काँटे मिले हों
न ठहरायें कसूरवार मुझे
जिन्हे मुझसे मिले हों फ़ूल
न ठहरायें जिम्मेवार मुझे
बाँटा वही
जो मिला
यहाँ तो मै
कुछ लेके आया नहीं था


उल्टी गंगा

गंगासागर से
पटना और बनारस के रास्ते
इलाहाबाद पहुँचकर
उसने सोचा कि
दो हो जाऊँ
उल्टी गंगा बहाऊँ
नहीं नहीं
इन्सानो के सिवा
ऐसा कोई नहीं करता

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